भुवनेश्वर। ओडिशा सरकार ने राज्य को एडवेंचर टूरिज्म का प्रमुख गंतव्य बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए मंगलवार को ओडिशा एडवेंचर टूरिज्म गाइडलाइन-2025 को अंतिम रूप दे दिया। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय बैठक में इस गाइडलाइन को मंज़ूरी दी गई।
मुख्यमंत्री माझी ने कहा, “ओडिशा में पर्यटन विकास की योजनाएँ ‘थिंक इंडिया, थिंक ओडिशा’ की भावना के अनुरूप तैयार की जाएंगी। हम रोमांच पर्यटन को इस स्तर तक ले जाएंगे कि जब भी कोई भारत आने की योजना बनाए, तो सबसे पहले ओडिशा का नाम उसके ज़हन में आए।”
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत 2047 के विजन को साकार करने के लिए ओडिशा में पर्यटन सहित विभिन्न क्षेत्रों के विकास की व्यापक योजनाएँ बनाई जा रही हैं। पर्यटन को इसमें विशेष प्राथमिकता दी गई है।
हर ज़िले में विकसित होंगी एडवेंचर साइट्स
नई गाइडलाइन के तहत राज्य के सभी 30 ज़िलों में एडवेंचर टूरिज्म साइट्स का चिन्हीकरण और विकास किया जाएगा। सतकोसिया में रिवर राफ्टिंग और हीराकुंड जलाशय पर हॉट एयर बैलूनिंग जैसी गतिविधियाँ शुरू की जाएंगी। इसके अलावा अन्य स्थानों पर भी इसी तरह के रोमांचक पर्यटन अनुभव उपलब्ध कराए जाएंगे।
युवाओं को मिलेगा रोज़गार और प्रशिक्षण
गाइडलाइन का एक महत्वपूर्ण पहलू युवाओं को रोज़गार से जोड़ना और उन्हें प्रशिक्षित करना है। इसके तहत जल, थल और वायु में होने वाली एडवेंचर गतिविधियों के लिए युवाओं को विशेष प्रशिक्षण और प्रमाणपत्र दिए जाएंगे, जिससे उनके लिए व्यापक रोज़गार के अवसर सृजित होंगे।
निजी निवेश को मिलेगा प्रोत्साहन
एडवेंचर टूरिज्म को विस्तार देने के लिए सरकार निजी क्षेत्र की भागीदारी को भी प्रोत्साहित करेगी। इच्छुक निजी कंपनियाँ ‘गो एडवेंचर’ पोर्टल के माध्यम से आवेदन कर सकती हैं। ओडिशा टूरिज्म पॉलिसी-2022 के तहत निवेश करने वाले निजी संस्थानों को आकर्षक प्रोत्साहन भी उपलब्ध कराए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ओडिशा को पर्यटन के वैश्विक मानचित्र पर एक आकर्षक गंतव्य बनाने के लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है। इस बैठक में मुख्य सचिव मनोज आहूजा और पर्यटन सचिव बलवंत सिंह भी उपस्थित रहे।